अगर आप RAS , REET , 1ST / 2ND GRADE TEACHER , RAJ. POLICE , LDC या राजस्थान से संबंधित अन्य किसी भी परीक्षा की तैयारी करते हैं और आपके सिलेबस में Rajasthan Art and Culture विषय है तो इसमें आपको राजस्थान की प्रमुख वेशभूषा एवं आभूषण के बारे में पढ़ने के लिए मिलेगा। इस पोस्ट में हम आदिवासी महिलाओं द्वारा पहने जाने वाले वस्त्र के बारे में बताने वाले हैं।
राजस्थान में बड़ी संख्या में आदिवासी निवास करते हैं और उनकी वेशभूषा भी अलग होती है महिलाएं तरह-तरह के वस्त्र एवं आभूषण पहनती है इनके बारे में आप नीचे पढ़ सकते हैं
कला एवं संस्कृति : आदिवासी महिलाओं के वस्त्र
नान्दणा – आदिवासी महिलाओं का सबसे प्राचीन वस्त्र। यह आसमानी रंग की साड़ी होती है।
जामसाई साड़ी – विवाह के अवसर पर दुल्हन द्वारा पहने जाने वाला वस्त्र।
लूगड़ा या अंगोछा साड़ी – विवाहित स्त्रियों का पहनावा जिसमें सफेद आधार पर लाल बूटे छपे हुए होते हैं।
कटकी – अविवाहित बालिकाओं की ओढ़नी। इसमें अलंकरण को पावली एवं ओढ़नी को पावली भाँत की ओढ़नी कहते हैं।
ताराभाँत की ओढ़नी – आदिवासी महिलाओं का सबसे प्रिय वस्त्र। इसमें आधार भूरी-लाल तथा किनारों का छोर काला षट्कोणीय आकृति जैसा होता है।
ज्वार भाँत की ओढ़नी – सफेद छोटी-छोटी बिन्दी वाले आधार और लाल-काले रंग की बेल-बूटियाँ होती हैं।
चूनड़ – भीलों की चूनड़ प्रसिद्ध है। यह एक प्रकार की ओढ़नी है।
केरी भाँत की ओढ़नी – इसकी किनारी केरी तथा आधार में ज्वार भाँत जैसी बिन्दियाँ होती हैं। आदिवासी महिलाओं में प्रचलित।
लहर भाँत की ओढ़नी – ज्वार भाँत जैसी बिन्दियों से लहरिया बना होता है।
कछाबू – आदिवासी महिलाओं द्वारा कमर से घुटनों तक पहनने वाला वस्त्र।
दामड़ी – यह मारवाड़ क्षेत्र में महिलाओं द्वारा पहने जाने वाली लाल रंग की साड़ी।
पेसवाज – शरीर के ऊपरी भाग से लेकर नीचे तक ढकने वाला परिपूर्ण वस्त्र।
तिलका – मुस्लिम महिलाओं द्वारा चूड़ीदार पायजामे पर पहना जाने वाला वस्त्र।
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अंतिम शब्द
हम आपको ऐसे ही राजस्थान में आदिवासी महिलाओं द्वारा पहने जाने वाले वस्त्र टॉपिक अनुसार निशुल्क RPSCNOTES.IN की इस वेबसाइट पर हिंदी भाषा में उपलब्ध करवाएंगे यकीन मानिए अगर आप अपनी तैयारी कहां से करते हैं तो आपको अपने किसी बुक की आवश्यकता नहीं होगी
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